[schema type=”musicrecording” inalbum=”Jannat 2 ” byartist=”Emraan Hashmi, Randeep Hooda, Esha Gupta, Imran Zahid” author=”Sayeed Quadri” creator=”Nikhil D’Souza” inlanguage=”Hindi” headline=”Sang Hoon Tere” ]
तुझे सोचता हूँ मैं शामो सुबह
इस से ज्यादा तुझे और चाहूं तो क्या
तेरे ही ख्यालों में डूबा रहा
इस से ज्यादा तुझे और चाहू तो क्या
बस सारे गम में जाना संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तिहान भी ना ले मेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
मेरी धडकनों में ही तेरी सदा
इस कदर तू मेरी रूह में बस गया
तेरी यादों से कह रहा मैं जुदा
वक़्त से पूछ ले, वक़्त मेरा गवाह
बस सारे गम में जाना संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तिहान भी ना ले मेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
तू मेरा ठिकाना मेरा आशियाना
ढले शाम जब भी मेरे पास आना
है बाहों में रहना, कभी अब न जाना
हु महफूज़ इन बाँहों में बुरा है ज़माना
बस सारे गम के जाना संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तिहान भी ना ले मेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
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